जेएनएन, नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री गुरुवार को जब आईएसएस पर पहुंचे, तो वहां पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 14 दिन बिताएंगे और अपने मिशन के दौरान कई प्रयोग करेंगे। इससे पहले प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के तहत कक्षा में आठ दिन रहे थे।

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शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष यात्री पिन मिली

भारत के शुभांशु शुक्ला, अमेरिका की पैगी व्हिटसन, हंगरी के टिबोर कपू एवं पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी के चारों ओर 28 घंटे की यात्रा के बाद आईएसएस पर पहुंचा। 'एक्सीओम-4' मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन ने शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष यात्री पिन प्रदान की।

इससे वह अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बन गए। स्पेस एक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान भारतीय समय के अनुसार शाम 4.01 बजे अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा। उस समय यह उत्तरी अटलांटिक महासागर के ऊपर से गुजर रहा था।

ना्सा के लाइव वीडियो में अद्भुत नजारा

नासा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन अंतरिक्ष यान से निकले और उन्होंने पृथ्वी की निचली कक्षा में अपने 'घर' पर पहली नजर डाली।

पांचवीं अंतरिक्ष यात्रा कर रहीं व्हिटसन ने कहा कि हम यहां आकर बहुत खुश हैं। एकांत में रहने का यह एक लंबा समय था। चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने ह्यूस्टन में मिशन नियंत्रण की ओर हाथ हिलाकर अभिवादन किया। नासा के लाइव वीडियो में अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष स्टेशन के पास आते हुए दिखाया गया।

इस तरह हुई डॉकिंग

  • बुधवार को फ्लोरिडा से 12.01 बजे प्रक्षेपित होने के लगभग 28 घंटे बाद ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने की तैयारी शुरू की। इसके लिए थ्रस्टर को फायर करके धीमी और संतुलित गति से आगे बढ़ना शुरू किया।
  • अंतरिक्ष यान जटिल प्रक्रियाओं के माध्यम से आगे बढ़ा। मिशन नियंत्रण को वेपाइंट-1 और वेपाइंट-2 पर दो ठहरावों को छोड़ना पड़ा। इसके चलते डॉकिंग लगभग 30 मिनट पहले हो गई।
  • अंतरिक्ष स्टेशन से महज 20 मीटर की दूरी पर अंतरिक्ष यान ने लेजर आधारित सेंसर और कैमरों का उपयोग करते हुए डॉकिंग पोर्ट के साथ जुड़ाव की प्रक्रिया शुरू की।
  • अंतरिक्ष यान की डॉकिंग के बाद दोनों को जोड़ने का काम शुरू हुआ। इसके लिए अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष स्टेशन को 12 सेट हुक के साथ जोड़ा गया।
  • अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष स्टेशन के बीच संचार और ऊर्जा संपर्क स्थापित होने के साथ ही डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई।
  • आईएसएस के चालक दल ने रिसाव जांच और हैच खोलने की प्रक्रिया पूरी की। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि अंतरिक्ष यान के भीतर दबाव अंतरिक्ष स्टेशन के समान हो।
  • अंतरिक्ष यात्री व्हिटसन भारतीय समयानुसार 5.53 बजे अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचीं। इसके बाद शुक्ला, स्लावोज और कपू भी आईएसएस पर पहुंचे।